शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ आजादी में गुरुकुलों का बड़ा योगदान: स्वामी यतीश्वरानंद

हरिद्वार। गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर हरिद्वार के संस्थापक तार्किंक शिरोमणि स्वामी दर्शानानंद सरस्वती महाराज की 161 वीं जयंती मनाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रमों में उनके इतिहास और शिक्षा के लिए किए गए बलिदान को स्मरण किया। बतौर मुख्य अतिथि अध्यात्म एवं योग के प्रयोक्ता संत आचार्य कर्मवीर महाराज ने कहा कि स्वामी दर्शानानंद की दूरदर्शिता से देश की आजादी के लिए हुए आंदोलनों और संस्कृति के प्रचार प्रसार में गुरुकुलों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

मंगलवार को गुरुकुल महाविद्यालय के संस्थापक स्वामी दर्शानानंद महाराज की 161 वीं जयंती मनाते हुए महाविद्यालय प्रांगण से शुरू करते हुए ज्वालापुर, द्वारिका विहार, शुभम विहार आदि क्षेत्रों में शोभायात्रा निकालते हुए उनके बलिदान और संस्कृति को बढ़ावा देने के योगदान को बताया। इस दौरान हुई आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आचार्य कर्मवीर महाराज ने कहा कि स्वामी दर्शनानंद महाराज का संपूर्ण जीवन एक आदर्श संन्यासी के रूप में गुजरा। उनका परमेश्वर में अटूट विश्वास एवं दर्शन शास्त्रों के स्वाध्याय से उन्नत हुई तर्क शक्ति बड़ो बड़ो को उनका प्रशंसक बना लेती थी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के प्रधान एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि स्वामी दर्शानानंद महाराज ने गुरुकुल जैसी कई संस्थाएं स्थापित कर देश में अविद्या का अंधकार मिटाने का काम किया और संस्कृति को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी दर्शानानंद के देश के लिए किए गए बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि स्वामी दर्शानानंद ने पांच गुरुकुलों की स्थापना की, उनमें गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर प्रमुख है, जिन्होंने अपार ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि गुरुकुल पद्वति संस्कृति की संवाहक रही है। उन्होंने गुरुकुल ज्वालापुर का इतिहास बताते हुए कहा कि संस्था में प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री ज्वाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी समेत अनेक मुख्यमंत्री भी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं।

इस मौके पर गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति डॉक्टर सोमदेव शतांसु, कुलपति डॉ हरिगोपाल शास्त्री, स्वामी ओमानंद, स्वामी मेधानंद, डॉ सत्यदेव निंगमालंकार, डॉ मनुदेव बंधु, जिला आर्य समाज के अध्यक्ष हाकम सिंह, पूर्व अध्यक्ष मानपाल सिंह, संस्था मंत्री नंदलाल राणा, प्रबंधक सोम सिंह चौहान, डॉ अजय कौशिक, जमालपुर कलां के ग्राम प्रधान हरेंद्र चौधरी, नाथीराम चौधरी, विनय चौधरी, डॉ मनमोहन शर्मा, डॉ प्रदीप चौधरी, डॉ रमेश शर्मा, नेपाल सिंह, अजमोल मोदी, प्रो रामकुमार वरणी, हेमंत तिवारी, कोषाध्यक्ष दिनेश चौहान, अभिषेक चौहान, आर्य समाज के संत शामिल हुए।

Front Page Bureau

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