रुड़की आईआईटी ने धूमधाम से मनाया आनंदमय दीक्षांत समारोह, 1916 डिग्रियां की गई प्रदान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की) ने आनंदमय दीक्षांत समारोह-2023 धूमधाम से मनाया। इस गरिमामय समारोह की शुरुआत छात्रों द्वारा ‘कुलगीत’ (संस्थान गीत) गाकर हुई। कुल 1916 डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 1077 स्नातक, 685 परास्नातक एवं 154 पीएचडी शामिल थीं। इस कार्यक्रम में पुरस्कार विजेताओं, उनके परिवारों, स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया एवं इसकी अध्यक्षता संस्थान के अभिशासक परिषद के अध्यक्ष श्री बी वी आर मोहन रेड्डी ने की। बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष, सीईओ, श्री दत्तात्रि सालगमे ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया, जबकि समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत द्वारा उपाधि एवं पदक प्रदान किए गए, प्रोफेसर यूपी सिंह, उप निदेशक एवं प्रोफेसर अपूर्बा कुमार शर्मा, कुलशासक, शैक्षणिक मामले के साथ – साथ बड़ी संख्या में कर्मचारी एवं संकाय सदस्य शामिल हुए।
देश में तकनीकी शिक्षा का नेतृत्व करने वाले 176 साल पुराने प्रमुख संस्थान के उपाधि प्राप्तकर्ताओं के लिए यह गर्व का क्षण था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन में भी संस्थान सबसे आगे है। संस्थान ने हाल ही में एनईपी 2020 के अनुरूप अपने स्नातक पाठ्यक्रम को संशोधित किया है और इसका उद्देश्य छात्रों की वैश्विक आकांक्षाओं के साथ तालमेल बनाए रखना है। यह अपने मास्टर पाठ्यक्रम को अद्यतन करने की प्रक्रिया में भी है।
विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नेता श्री दत्तात्री सालगमे समारोह के मुख्य अतिथि थे। अपनी वर्तमान भूमिका में, श्री दत्तात्री सॉफ्टवेयर दिग्गज बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के सीईओ और अध्यक्ष हैं, जो जर्मनी के बाहर बॉश का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर एवं प्रौद्योगिकी केंद्र है। वह 24 वर्षों से बॉशलर हैं और भारत व जर्मनी में विभिन्न भूमिकाएँ संभाल रहे हैं। अपने संबोधन में, श्री सालगमे ने इस बात पर प्रकाश डाला, “जैसे-जैसे उच्च शिक्षा क्षेत्र विकसित हो रहा है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की जैसे संस्थानों को अनुकूलन एवं नवाचार जारी रखना चाहिए। मुझे इस नई यात्रा पर उपस्थित होकर बेहद खुशी हो रही है, जिस पर स्नातक आगे बढ़ेंगे। मैं, संस्थान से प्राप्त अद्वितीय योग्यता के साथ, नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए इन अत्यंत प्रतिभाशाली लोगों का उत्साहपूर्वक इंतजार कर रहा हूं। यह जानकर संतुष्टि होती है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की अन्य संस्थानों के लिए एक उदाहरण स्थापित करता है व दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।”
यह समारोह भारतीय पोशाक के ड्रेस कोड, पुरुषों के लिए कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी के साथ आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का आरंभ कुलशासक शैक्षणिक मामले, प्रोफेसर अपूर्व कुमार शर्मा के संबोधन से हुई, जिन्होंने स्नातकों को बधाई दी। प्रोफेसर शर्मा ने स्नातकों को अपनी नेटवर्किंग एवं संचार क्षमताओं को मजबूत करने, समय-समय पर प्रासंगिक कौशल विकसित करने, एक उद्यमी की तरह सोचने और नेतृत्व गुण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर पंत ने पिछले दीक्षांत समारोह के बाद से संस्थान की उपलब्धियों और विश्व स्तरीय शैक्षिक केंद्र बनने के संस्थान के 175 वर्षों के दृष्टिकोण का एक संक्षिप्त विवरण भी प्रस्तुत किया। संस्थान की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों में सभी स्तरों पर, विशेष रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा एवं गणित (एसटीईएमएम) क्षेत्रों में सभी के लिए समान अवसर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की को भारत में वास्तुकला एवं नियोजन के शीर्ष संस्थान के रूप में स्थान दिया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा शुरू की गई एक अभिनव पायलट परियोजना, जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस (जीएटीआई) का कार्यान्वयन एवं समर्थन, जो विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एक नॉवल इंटेर्वेंशन कार्यक्रम की शुरुआत करता है। कई अन्य पुरस्कारों में पीएचडी की इच्छुक महिला छात्रों के लिए शकुंतला (प्रतिभा उन्नति के तहत ज्ञान के प्रार्थियों के लिए योजना) फेलोशिप, मास्टर्स एवं पीएचडी की इच्छुक महिला छात्रों के लिए ‘गोल्डन गर्ल’ योजना एवं आईआईटी रुड़की में युवाओं के सशक्तिकरण के लिए कई समझौता ज्ञापन शामिल हैं।
निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने सभी का स्वागत किया, स्नातकों को बधाई दी और उन्हें अपनी शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, ”आज की तेजी से बदलती दुनिया में, भविष्य के नेताओं को आकार देने में संस्थानों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यह उच्च शिक्षा क्षेत्र में विशेष रूप से सच है, जहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की जैसे संस्थान नवाचार एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहे हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की का स्नातकों को सीखने को जारी रखने और निरंतर परिवर्तनों के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी फायदेमंद है।
अभिशासक परिषद के अध्यक्ष श्री बी वी आर मोहन रेड्डी ने कहा कि ‘’आईआईटी भारत में राष्ट्र निर्माण में प्रगति का प्रतीक हैं और आईआईटी रूड़की ने 176 वर्षों से भी अधिक समय से इस धवज को बुलंद रखा है। यह संस्थान भारत की प्रगति की आधारशिला रहा है क्योंकि यह असाधारण प्रतिभा पैदा करना, अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देना और सामाजिक जरूरतों को पूरा करना जारी रखता है। उत्कृष्टता के प्रति अपने अटूट समर्पण के साथ, संस्थान भारत को महानता की नई ऊंचाइयों पर चढ़ने का गवाह बनने के लिए तैयार है। मैं, हमारे संस्थान को 21वीं सदी के एक संपन्न प्रौद्योगिकी केंद्र में बदलने में उनके अथक समर्पण तथा असाधारण योगदान के लिए प्रोफेसर केके पंत एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के पूरे संकाय की हार्दिक सराहना करता हूं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की का दीक्षांत समारोह-2023 अपने स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम था। दीक्षांत समारोह सफल उम्मीदवारों को उपाधि प्रदान करने एवं उनकी शैक्षणिक यात्रा के दौरान उनकी कड़ी मेहनत तथा समर्पण को पहचानने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
समारोह में अपने-अपने विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित विभागीय पदक एवं पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों ने उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन एवं अध्ययन के क्षेत्र में योगदान को मान्यता दी। विभागीय पदक उनकी उत्कृष्टता के प्रमाण के रूप में कार्य करते हैं और ज्ञान एवं सीखने की खोज में उनके प्रयासों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि प्रदान करते हैं।
दीक्षांत समारोह स्नातक छात्रों के लिए अपने साथियों, संकाय सदस्यों एवं विशिष्ट अतिथियों से मिलने तथा उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक अवसर था। इसने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में उनकी शैक्षिक यात्रा के सफल समापन को चिह्नित किया, जो उनके जीवन में एक नए अध्याय का प्रतीक है क्योंकि वे छात्रों से स्नातक बन गए।
गर्व और उल्लास के माहौल के बीच, दीक्षांत समारोह ने उन छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए चिंतन तथा आभार का क्षण प्रदान किया जिन्होंने सामूहिक रूप से संस्थान के विकास और सफलता में योगदान दिया है। यह स्नातक छात्रों की कड़ी मेहनत, दृढ़ता एवं समर्पण का सम्मान करने का समय था, जिन्होंने न केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है बल्कि अनुसंधान, परियोजनाओं तथा सामाजिक पहल के माध्यम से व्यापक समुदाय में भी योगदान दिया है।
स्नातक वर्ग को बधाई देना एवं उनकीउपाधि प्राप्त करने में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को स्वीकार करना संस्थान के लिए बहुत गर्व का क्षण था। जैसे ही समारोह समाप्त हुआ, अपनी विशेषज्ञता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पदक एवं योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए तथा सभी स्नातकों को उपाधि एवं डिप्लोमा प्रदान किए गए।
विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर निम्नलिखित डिग्रियाँ घोषणा की गई-
1 अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं अभियांत्रिकी 2
2 जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी 27
3 डिजाइन विभाग 20
4 जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन 18
5 बी आर्क 53
6 नैनो प्रौद्योगिकी 6
7 आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन 10
8 परिवहन प्रणालियाँ 7
9 विद्युत अभियन्त्रण 182
10 इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी 129
11 मानविकी एवं समाजैक विज्ञान 18
12 रासायनिक अभियांत्रिकी 148
13 रसायनिकी विभाग 58
14 जानपद अभियांत्रिकी 228
15 कंप्यूटर साइंस एवं अभियांत्रिकी 202
16 भूकम्प अभियांत्रिकी 38
17 कागज प्रौद्योगिकी 19
18 पॉलिमर एवं प्रोसेस अभियांत्रिकी 13
19 भौतिकी विभाग 97
20 जल विज्ञान विभाग 34
21 जल एवं नवीकरणीय ऊर्जा 16
22 प्रबंधन विभाग 72
23 गणित विभाग 72
24 यान्त्रिकी एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी 217
155 छात्रों के बीच कुल 125 पदक एवं नकद पुरस्कार वितरित किये गये।
प्राप्तकर्ताओं को 46 स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया गया, जिनमें विभिन्न विभागों के स्वर्ण पदकों के साथ-साथ राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक एवं भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, 8 अन्य पदक प्रदान किए गए, जिनमें संस्थान रजत पदक, संस्थान कांस्य पदक एवं कई दाता-संस्थान पदक शामिल हैं। इस कार्यक्रम में दस नए विभाग स्वर्ण पदकों का उद्घाटन हुआ, जिन्हें दानदाताओं द्वारा उदारतापूर्वक स्थापित किया गया था: श्रीमती माविस बर्था विल्किंसन विभाग स्वर्ण पदक, फ्राउ ओडिली शिफर विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती सुख देवी कुलश्रेष्ठ विभाग स्वर्ण पदक, फ्राउ गर्ट्रूड फेल्डेन विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती ललित किशोरी विभाग स्वर्ण पदक, श्री बेवन रॉस विल्किंसन विभाग स्वर्ण पदक, श्री हरि चंद नागलिया विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती प्रेम लता नागलिया विभाग स्वर्ण पदक, श्री सुरेश चंद्र कपूर विभाग स्वर्ण पदक, एवं प्रोफेसर कुमकुम गर्ग विभाग स्वर्ण पदक
पुरस्कार पाने वालों में 41 छात्राएं और 114 पुरुष छात्र थे। इनमें से 98 छात्रों को स्नातक कार्यक्रमों में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए, और 57 पुरस्कार विजेता छात्र स्नातकोत्तर कार्यक्रमों से थे, जिनमें 3 छात्र पीएच.डी. में शामिल थे।
पुरस्कारों ने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता को मान्यता दी, जिसमें उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए 81 पुरस्कार, उल्लेखनीय परियोजनाओं और शोध प्रबंधों के लिए 33 पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ परियोजना पुरस्कार सहित), असाधारण पीएचडी थीसिस के लिए 3 पुरस्कार, समग्र/ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए 5 पुरस्कार, असाधारण सामाजिक सेवा के लिए 1 पुरस्कार (भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक), उत्कृष्ट सामुदायिक सेवा के लिए 1 पुरस्कार (केदार नाथ अग्रवाल, आई.एस.ई. मेमोरियल ट्रॉफी और नकद पुरस्कार), और आईआईटी रूड़की में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए 1 पुरस्कार शामिल हैं। (हरि कृष्ण मित्तल लीडरशिप अवार्ड)।
स्वर्ण पदक दीक्षांत समारोह 2023 की सूची:
राष्ट्रपति स्वर्ण पदक – आर्यन जैन, बी.टेक. (कंप्यूटर साइंस एवं अभियांत्रिकी)
स्वर्ण पदक दीक्षांत समारोह 2023 की सूची:
निदेशक स्वर्ण पदक – अथर्व करंजगांवकर, बी.टेक. (यान्त्रिकी अभियांत्रिकी)
भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक – काव्या सक्सेना, बी.टेक. (उत्पादन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी)