करीब सवा सौ साल पहले स्थापित आर्य समाज की संस्था गुरुकुल महाविद्यालय पर वर्चस्व को लेकर उत्तराखंड सरकार के ताकतवर मंत्री और भाजपा के ही एक भगवाधारी विधायक के बीच जंग शुरू हो गई है। आज गुरुकुल महाविद्यालय की सर्वोच्च संचालन संस्था महाविद्यालय सभा की बैठक में मंत्री मदन कौशिक को संस्था का उप-प्रधान बनाई जाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक और महाविद्यालय सभा के मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने मदन कौशिक को उप प्रधान बनाये जाने का जमकर विरोध किया और उनकी उपप्रधान के पद पर नियुक्ति के प्रयास को असंवैधानिक बताया। उंन्होने आरोप लगाया कि संस्था की अरबो रुपये की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने की साजिश के तहत ही मदन कौशिक को सभा के नियमो के विपरीत जाकर लाया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार में शहरी विकास मंत्री को एक संस्था में उप प्रधान बनाये जाने को लेकर आज जमकर हंगामा हुआ। मामला सवा सौ साल पुरानी गुरुकुल महाविद्यालय से जुड़ा है। इस संस्था के पास आज करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति है। बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी पंहुचे थे। बैठक शुरू होने पर जब मंत्री मदन कौशिक को सभा का उप प्रधान जाए जाने का प्रस्ताव रखा गया तो बैठक में एक पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
[highlight color=”red”]क्या है विवाद और उसकी जड़, एक नज़र डालिये[/highlight]
सभा के मंत्री भाजपा के हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने मदन को उपप्रधान बनाये जाने का विरोध किया जबकि मंत्री मदन कौशिक सभा के सदस्यों को संस्था के हित को लेकर काम करने की बात करते रहे। मदन ने कहा कि संस्था के कुछ पदाधिकारियों ने महाविद्यालय की सभा का कार्यभार संभालने का आग्रह किया था। उंन्होने कहा कि लगभग साथ साथ स्थापित गुरुकुल कांगड़ी विश्विद्यालय ने बहुत तरक्की की है मगर महाविद्यालय लगातार पिछड़ा चला गया। उंन्होने कहा कि संस्था हित के लिए ही वह इसके लिए तैयार हुए है।
यतीश्वरानंद ने कहा की कुछ लोग संस्था को खुर्द बुर्द करने के उद्देश्य से संस्था को कब्जाने में लगे हैं। नियम विरुद्ध और संस्था के बाइलॉज के विपरीत कार्य कर संस्था को हानि पहुँचा रहे है।इसका हम पुरजोर विरोध करेंगे ओर करते रहेंगे।
उन्होंने कहा की मदन जी हमारे माननीय है मगर बगैर एजेंडे में इस विषय को लिए असंवेधानिक तरीके से लाया गया है। यतीश्वरानंद का कहना है कि आज की बैठक के एजेंडे में उपप्रधान पद पर चर्चा का विषय ही शमिल नही था मगर एक साजिश के तहत सभा की बैठक में अचानक ही मदन को उप प्रधान बनाने का प्रस्ताव लाया गया। जब इसका विरोध हुआ तो दो सदस्यों से इस्तीफा दिलाकर उनकी जगह मदन को रखने का प्रस्ताव ले आये। मगर विरोध के चलते प्रस्ताव पारित नही हो सका।
महाविद्यालय सभा के मंत्री भाजपा विधायक यतीश्वरानंद ने आरोप लगाया कि कुछ लोग संस्था की जमीनों को खुर्द बुर्द करने की कोशिश कर रहे है। पहले भी बैठकों में ये पदाधिकारी महाविद्यालय की जमीनों को कुछ निजी लोगो को देने, बैंकट हाल बनाने आदि जैसे प्रस्ताव लाते रहे है, मगर बैठकों में विरोध के चलते उनकी मंशा जब पूरी नही हो रही थी तो उन्होंने शहरी विकास मंत्री को उप प्रधान बनाने की आड़ लेकर अपनी मंशा पूरी करने की साजिश रची है। उंन्होने कहा कि चाहे कुछ हो जाये मगर वो इस संस्था को खुर्द बुर्द करने का प्रयास करने वालो को सफल नही होने देंगे।
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[highlight color=”red”]पूर्व सांसद रासा सिंह ने भी किया मदन कौशिक को उप प्रधान बनाये जाने का विरोध[/highlight]
अंतरंग सभा के सदस्य और अजमेर से 5 बार सांसद रहे रासा सिंह ने भी भरी सभा मे मंत्री मदन कौशिक का विरोध किया। उंन्होने कहा कि मंत्री जी आप तो संविधान के ज्ञाता है हर चीज जानते है। सभा का संविधान और नियमावली में इस तरह से नियुक्ति का कोई प्रावधान नही है फिर आप कैसे ये सब होने दे रहे है। रासा सिंह ने बैठक में मंत्री जी को कहा कि मंत्री जी आप गलत कर रहे है। बैठक में सभा के प्रधान योगेन्द्र चौहान और उनके समर्थकों ने मदन की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा था मगर सभा के 14 से ज्यादा सदस्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया। उंन्होने मदन को उप प्रधान बनवाने के लिए अपने समर्थक उप प्रधान प्रदीप चौहान और सदस्य प्रीतम पाल चौहान का इस्तीफा दिलवाया था। सभा के संविधान के अनुसार अंतरंग सभा के 27 सदस्यों में से किसी के हटाये जाने, या सभा से इस्तीफा देने के बाद ही उसकी जगह पर नया सदस्य बनाया जा सकता है। जबकि अभी तक किसी ने सभा की अंतरंग सभा के सदस्यता से इस्तीफा नही दिया है।
किसने की थी महाविद्यालय की स्थापना–
गुरुकुल महाविद्यालय की स्थापना 111 साल पहले स्वामी दर्शनानंद जी ने की थी। स्वामी दर्शानंद आर्य समाज के बड़े धर्म प्रचारक थे। महाविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य आर्य समाज के सिंद्धान्तों के अनुरूप शिक्षा का प्रचार प्रसार करना था और समाज से अंध विश्वास और कुरूतियों को दूर करना था।
क्या है अंतरंग सभा , कैसे चुनी जाती है और और कैसे काम करती है–
गुरुकुल महाविद्यालय की आम सभा मे करीब 250 सदस्य है। इसके सदस्य आर्य समाज से जुड़े समाज के प्रतिष्ठित लोगों को बनाया जाता है। लरतएक 5 साल में आम सभा एक अंतरंग सभा का चुनाव करती है। इस अंतरंग सभा मे 27 सदस्यों का चुनाव किया जाता है। जिनमे से प्रधान, उप प्रधान , मंत्री सहित अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों का चुनाव होता है। यही अंतरंग सभा महाविद्यालय का संचालन करती है।