गुर्जरों और वन कर्मियों के लिए वन विभाग ने बनाया आइसोलेशन कक्ष
हरिद्वार। कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। पहली लहर में इसका प्रभाव शहरी इलाकों में ही देखने को मिली, किन्तु दूसरी लहर गांव-गांव तक पहुंच गयी है। जिस कारण शासन-प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव अब कम पड़ने लगा है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन कोरोना के प्रति गंभीर नजर आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए वन विभाग भी सतर्क हो गया है। वन विभाग की ओर से अब जंगलों में रहने वाले वन विभाग के कर्मचारियों और वन गुर्जरों को आइसोलेशन के लिए सरकारी कक्ष दिया जाएगा। हरिद्वार के जंगलों में वन गुर्जर और वन विभाग के कर्मी भी निवास करते हैं। इसलिए कोरोना से बचने के लिए वन विभाग ने सभी को मास्क, सैनिटाइजर, पीपी केट, ऑक्सीमीटर और मेडिकल किट दिया है।
जंगलों में रहने वाले गुर्जर और वन विभाग के कर्मचारी में सामान्य कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो वन विभाग के द्वारा आइसोलेशन रूम और मेडिकल किट दी जाएगी। हरिद्वार डीएफओ नीरज शर्मा का कहना है जिनमें कोरोना के लक्षण और होम आइसोलेशन की जरूरत है, उनके लिए रसियाबड़ और श्यामपुर में वन विभाग ने टेंट और कमरे का इंतजाम किया है। वन विभाग द्वारा गुर्जरों में कोरोना संक्रमण की जांच भी कराई जा रही है, जिससे वन क्षेत्र में कोरोना को फैलने से रोका जा सकें।