मोदी और योगी सरकार ने दिया बाबा रामदेव को बड़ा झटका, नोएडा मेगा फ़ूड पार्क की मंजूरी को लटकाया, बदले में बाबा ने भी दिया ये करारा जवाब

केंद्र में भाजपा को सत्ता लाने और मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव को केंद्र और उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार ने बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने बाबा के नोएडा में बनने वाले 5 हजार करोड़ के सबसे बड़े फ़ूड पार्क की मंजूरी को लटका दिया है जिससे बाबा की यह योजना आधार में लटक गई है। केंद्र सरकार ने अब बाबा को एक नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि  15 जून तक फ़ूड पार्क की नोएडा स्थित जमीन के टाइटल के कागजात जमा करवाये अन्यथा उनके फ़ूड पार्क को मंजूरी नही दी जाएगी। केंद्र सरकार से नोटिस मिलने के बाद पतंजलि में हड़कंप मचा हुआ है। केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश सरकार के रवैये से नाराज बाबा रामदेव ने भी केंद्र और यूपी सरकार को करारा जवाब दिया है। उंन्होने अब नोएडा में फ़ूड पार्क बनाने से ही इनकार कर दिया है। बाबा अब किसी और राज्य में इस फ़ूड पार्क की स्थापना करेंगे।


उत्तरप्रदेश के नोएडा में बाबा रामदेव के महत्वकांक्षी और सबसे बड़े फ़ूड पार्क योजना खटाई में पड़ गयी है। पिछले करीब डेढ़ साल से नोएडा में फ़ूड पार्क के लिए मिली जमीन के टाइटल को बाबा रामदेव की पतंजलि के नाम करने में उत्तरप्रदेश सरकार का रवैया हैरान कर देने वाला है। उत्तरप्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के मेगा फ़ूड पार्क के निर्माण के लिए 425 एकड़ जमीन का आबंटन किया था। बाबा रामदेव ने इस जमीन पर देश का सबसे बड़ा फ़ूड पार्क बनाना था। जमीन मिलने के बाद बाबा ने वंहा पर निर्माण का काम भी शुरू कर दिया था। बाबा ने सपने में भी यह नही सोचा होगा कि जिस भाजपा को सत्ता में लाने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दिया था वही भाजपा नोएडा में फ़ूड पार्क का उनका सपना चकनाचूर कर देगी।


[highlight color=”yellow”]पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने फ्रंट पेज न्यूज़ से बातचीत में बताया[/highlight] कि उत्तरप्रदेश के लाखों किसानों को खुशहाल बनाने और हजारो बेरोजगारों को रोजगार देने के उद्देश्य से नोएडा में पतंजलि फ़ूड पार्क के निर्माण की योजना बनाई थी। इसके लिए तत्कालीन अखिलेश सरकार ने उन्हें 425 एकड़ जमीन मुहैया कराई थी। उंन्होने बताया कि फ़ूड पार्क से संबंधित पूरा प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंसरण मंत्रालय को जमा करवा दिया गया था। उत्तरप्रदेश सरकार ने नोएडा में आबंटित की गई भूमि का टाइटल पतंजलि हर्बल एंड फ़ूड पार्क के नाम करके देना था। इस टाइटल को केंद्र सरकार के पास जमा करना था जिसके बाद ही प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलनी थी। तिजारावाला ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार से कई बार टाइटल की कारवाई पूरी करके देने को कहा मगर पतंजलि की तरफ से कागजी करवाई पूरी करने के बाद भी उत्तरप्रदेश के अफसर पतंजलि को चक्कर पे चक्कर कटाते रहे और टाइटल मंजूरी की फाइल दबाए बैठे रहे। उंन्होने बताया कि टाइटल जमा करने के लिए केंद्र सरकार पहले भी दो बार उन्हें नोटिस भेज चुकी थी। अब एक नोटिस और भेजकर केंद्र के खाद्य प्रसंसरण मंत्रालय ने उन्हें टाइटल जमा करने के लिए 15 जून तक का समय दिया है। केंद्र सरकार ने नोटिस में कहा है कि अगर 15 जून तक इस बारे में आवश्यक करवाई नही की गई तो फ़ूड पार्क के प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया जाएगा।

[highlight color=”red”] केंद्र सरकार के नोटिस से पतंजलि में मचा हुआ है हड़कंप[/highlight]

पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने उत्तरप्रदेश और केंद्र सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उंन्होने कहा कि हम इस फ़ूड पार्क के निर्माण पर करोड़ो रूपये खर्च कर चुके है। जमीन की बाउंडरी वाल का निर्माण पूरा हो चुका था और वंहा पतंजलि के संपर्क कार्यालय ने भी काम करना शुरू कर दिया था। यही नही फ़ूड पार्क के लिए मशीनें भी आ चुकी थी। मगर केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट की मंजूरी को लटकाए रखा जिससे हमारा करोड़ो रूपया भी डूब गया। केंद्र और यूपी की भाजपा सरकारों से खफा आचार्य बालकृष्ण ने अब नोएडा में पतंजलि फ़ूड पार्क के निर्माण की योजना से ही इनकार कर दिया है उंन्होने साफ कह दिया कि अब नोएडा या उत्तरप्रदेश में कंही भी फ़ूड पार्क नही बनाएंगे। देश के किसी अन्य राज्य में अब इस योजना को ले जाएंगे। बालकृष्ण का कहना है कि उत्तरप्रदेश सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक और हैरान कर देने वाला था। बालकृष्ण का कहना है उत्तरप्रदेश सरकार से अनेक बार फ़ूड पार्क से संबंधित सभी करवाई पूरी कर केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया गया मगर पतंजलि की फाइल आम आदमी की फाइल की तरह इधर से उधर एक मेज से दूसरी फिर तीसरी मेज तक डोलती रही मगर संबंधित अधिकारियों से इस पर कोई ध्यान तक नही दिया। कई बार केंद्रीय मंत्रालय से भी संपर्क किया गया मगर उंन्होने भी कोई जवाब तक नही दिया। उंन्होने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि हम उत्तरप्रदेश में विकास की गंगा बहाना चाहते थे, मगर शायद उत्तरप्रदेश सरकार शायद विकास चाहती ही नही।

पतंजलि के प्रवक्ता तिजारावाला ने भी कहा कि यूपी में 4 से 5 हजार करोड़ का निवेश फ़ूड पार्क में होना था। नोएडा में फ़ूड पार्क बनाने से न केवल यूपी बल्कि दिल्ली सहित एनसीआर का नक्शा ही बदल जाता और नोएडा के पतंजलि हर्बल एंड फ़ूड पार्क यूपी में समृद्धि की मिसाल बनता।

साल 2014 में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए बाबा रामदेव ने ऐड़ी छोटी का जोर लगा दिया था। बाबा ने पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनवाने के लिए अभियान चलाया था तो बाद में देश भर में घूम घूम कर बाबा ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। जिसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गईं। मगर मोदी ने पीएम बनाते ही बाबा रामदेव से नजर फेर ली। अगर मोदी और योगी चाहते तो किस अधिकारी में हिम्मत थी कि वह बाबा के करीब 5 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को इस तरह से लटकाए रखते।

Front Page Bureau

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