भाजपा और अपने गुरु को धोखा देने वाला नेता फिर से भाजपा मे शामिल होने की कर रहा है कोशिश, एक पूर्व मंत्री और संघ नेताओं ने फटकार कर भगाया

पहले अपने गुरु को करोडो का चूना लगाया, उसके बाद अपनी पार्टी से चुनाव मे दग़ा की, ज़ब उसको इसका अपने काम धंधे मे नुकसान होता दिखाई देने लगा तो फिर उस एक छुटभईया नेता ने भाजपा मे वापस आने के लिए नेताओं की चरण वंदना करनी शुरू कर दी है। मगर आदतन धोखेबाज इस कथित नेता को हर जगह से दुत्कार ही पड़ रही है। जानकारी मिली है की एक हफ्ते पहले राज्य के मुख्यमंत्री के खास एक पूर्व मंत्री के पास भी यह नेता भाजपा मे वापसी की गुहार लगाने गया तो उस पूर्व मंत्री ने उसे पहले अपने गुरु का करोडो का हिसाब निपटाने की नसीहत देकर भगा दिया. यही नही जानकारी मिली है कि दो दिन पहले ही इस नेता जी ने संघ के एक अधिकारी से मुलाक़ात कि. पता चला है कि वह अपने साथ मिठाई के डब्बे सहित कई तरह के उपहार बजी लेकर गया था, मगर वंहा से भी उसे दुत्कार ही मिली।
जिसने आपको सीढ़ी चढ़ाना सिखाया हो, उसी व्यक्ति को टांग खिंच कर नीचे गिराने लगे तो उस व्यक्ति को ना केवल अहसान फरामोश कहेँगे बल्कि उसे धोखेबाज ही माना जाएगा. कनखल के एक छुटभाइये नेता ने भी इसी तरह से अपने ही उस गुरु को धोखा दें दिया जिसने उसे फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाया और समाज मे शानौ शौकत से चलने काबिल बनाया। कनखल के इस नेता ने अपने गुरु को करोडो का चूना लगा दिया और इसके बाद भी बेशर्मी के साथ उल्टा अपने गुरु पर ही इल्जाम लगता हुआ खुद को पाक साफ बताता हुआ घूम रहा है.
खैर यह तो गुरु चेले के बीच का मामला है. इस नेता जी ने चुनाव मे अपनी ही पार्टी को भी धोखा देने मे कोई कसर नही छोडी। यह नेता कनखल के एक वार्ड से कई बार सभासद के चुनाव लड़ कर हारने का रिकार्ड बना चुका है। हाल ही मे संपन्न हुए स्थानीय निकाय के चुनाव मे इसके ख्वाब मेयर का टिकट लेकर शहर का मेयर बन शहर वासियों को ही चूना लगाने के थे। मगर निगम की मेयर सीट ही आरक्षित हो जाने से उसके ख्वाब अधूरे रह गए। मगर उसने स्थानीय निकाय चुनाव मे अपनी ही पार्टी से भी गद्दारी कि. उसमे कनखल के करीब चार वार्डों मे भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को तन -मन – धन से सहयोग किया ताकि भाजपा के प्रत्याशी चुनाव हार जाये। मगर वह इसमें सफल नही हो पाया. इसके बाद उसने भाजपा के एक विजयी पार्षद के खिलाफ कोर्ट मे याचिका लगाने मे भी एक हारे हुए निर्दलीय प्रत्याशी की पैसो से मदद की। मामला कोर्ट मे शुरू हो गया है।
इस सब के बाद भी इस नेता की बेशर्मी देखिये की वह भाजपा से बाहर निकले जाने के बाद अब फिर से भाजपा मे शामिल होने के लिए हाथ पैर मार रहा है. वह भाजपा और अपने संघ मे परिचय के बल पर फिर से भाजपा मे शामिल होने की कोशिशो मे लगा हुआ है. जानकारी मिली है की करीब एक सप्ताह पहले ही यह नेता मुख्यमंत्री धामी के बहुत नजदीकी एक पूर्व मंत्री के दरबार मे अपनी गुहार लेकर पंहुचा। वंहा उसने पूर्व मंत्री से उसे भाजपा मे शामिल करवाने के लिए कहा मगर अपनों को ही धोखा देने मे माहिर इस नेता को पूर्व मंत्री ने कड़ी फटकार लगाई. पूर्व मंत्री ने उसे कहा की वह पहले अपने गुरु का हिसाब चुकता करे इसके बाद ही अपनी शक्ल दिखाना. पूर्व मंत्री ने उसे जमकर फटकार लगाते हुऐ उसे भाग दिया। पता चला ही कि पूर्व मंत्री के दरबार से दुत्कारे जाने के बाद अब वह संघ के नेताओं की चौखट पर पंहुचा, मगर वंहा से भी उसे फटकार ही पड़ी।
दो दिन पहले ही यह नेता जी संघ के एक प्रचारक के पास तोहफे और मिठाईया लेकर पंहुचे और उनसे बजी भाजपा मे वापसी करवाने की गुहार लगाई. मगर संघ के प्रचारक ने भी उसे फटकार कर भगा दिया.
सोमवार को भाजपा के जिला कार्यालय मे संघठन पर्व कार्यक्रम मे जिला अध्यक्ष की घोषणा के वक्त भी यह नेता वही पर नेताओं की परिक्रमा करते हुए घूम रहा था. वंहा भी वह इन्ही कोशिशो मे लगा हुआ तबै की उसे भाजपा मे फिर से शामिल कर लिया जाये। जानकारी मिली है कि अब उसने हरिद्वार के एक विधायक का पल्लू पकड़ लिया है।
इस नेता के बारे मे कहा जा रहा है कि उसे उसके गुरु ने ना केवल करोडो के ठेके दिलवाने मे मदद कि बल्कि काम धंधे मे लगाने के लिए भी करोडो रूपये से मदद की। अब वह गुरु के साथ ही धोखेबाजी पर उतर आया.वह अपने गुरु से पैसे लेने की बात से ही मुकर रहा है। अब गुरु तो गुरु ही रहेंगे, उन्होंने उसके करोडो के काम रुकवा दिए। बताया जा रहा ही उस ठेकेदार नेता के पहाड़ पर साढ़े 11 करोड़ के काम पिछले दो महीने से रुके हुए है. यही नही पिछले दिनों पहाड़ पर लव जिहाद और डेमोग्राफी चेंज वाले मुद्दों पर बबाल मे भी यहाँ घेरे मे है। पहाड़ पर अपने चल रहे काम के लिए वह कई दर्जन लेबर गया हुऐ है उसमे 99 प्रतिशत लेबर गैर हिन्दू है और इसी लेबर मे से कुछ लोग लव जिहाद और डेमोग्राफी बदलाव की साजिश मे होने को लेकर संदेह के घेरे है।