अखाड़ा परिषद दो फाड़, बैरागियों संतों ने परिषद पर लगाए गंभीर आरोप
हरिद्वार। कुंभ के आरम्भ होने से पूर्व ही संतों में फूट हो गयी है। कुंभ मेले के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं ना मिलने से नाराज बैरागी संतांे की तीनांें अणियों ने अखाड़ा परिषद के बहिष्कार की घोषणा की है। शुक्रवार को बैरागी कैम्प मंें पत्रकारों से वार्ता करते हुए बैरागी संतो की तीन अणियों निर्वाणी, निर्मोही और दिगंबर अखाड़े से जुड़े संतो ने इसकीे घोषणा की।
दिगंबर अणि अखाड़े के महंत बाबा बलराम दास हठयोगी ने आरोप लगाया कि कुम्भ मेले के लिए सरकार अन्य अखाड़ों के लिए व्यवस्था कर रही है, लेकिन बैरागी संतांे के लिए अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है। बाबा हठयोगी समेत अन्य प्रतिनिधियों ने लगाया आरोप कि कुम्भ मेले के लिए सरकार अन्य अखाड़ों के लिए व्यवस्था कर रही है, लेकिन बैरागी संतों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहाकि कुम्भ बैरागी कैम्प में ही होगा। अगर प्रशासन टकराएगा तो वे रामनाम कीर्तन करेंगे और आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहाकि अखाड़ा परिषद का अब कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। ऐसे में अखाड़ा परिषद के चुनाव होने चाहिएं। यदि संन्यासी अखाड़े का संत अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनता है तो महामंत्री पद बैरागी संत को मिलना चाहिए। यदि बैरागी संत अध्यक्ष बनता है तो महामंत्री संन्यासी अखाड़े का बनाया जाना चाहिए। ऐसी परम्परा चली आ रही है। इस मौके पर श्रभ्महंत राजेन्द्रदास आदि मौजूद थे।