सीएम धामी ने जनजातीय महोत्सव में किया प्रतिभाग, की ये बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड मैदान में राज्य जनजातीय शोध संस्थान की ओर से आयोजित जनजातीय महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी आदिवासी समाज को अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता काए मार्ग देने वाले कुशल प्रणेता थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जनजाति कल्याण विभाग के ढांचे को पुनर्गठित करने एवं उत्तराखण्ड जनजातीय महोत्सव के आयोजन के लिए धनराशि को बढ़ाये जाने की भी घोषणा की। इस अवसर पर विभिन्न जनजातियों द्वारा अपनी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार का मानना है कि जनजातीय समाज का मजबूत और आत्मनिर्भर बनना देश और प्रदेश की उन्नति के लिए बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि आजादी के नायकों की भूली बिसरी वीर गाथाओं को देश के सामने लाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष की 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। जिसे हमारी सरकार द्वारा भी हर वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया जा रहा है और भविष्य में भी मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह जनजातीय महोत्सव जहां एक ओर जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान कर रहा है, वहीं गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत कराने का कार्य भी कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ चल रही है। उन्होंने कहा कि आज उज्ज्वला योजना और आयुष्यमान योजना में गरीबों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी गई है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड जनजाति आयोग की अध्यक्ष लीलावती राणा, विधायक खजान दास, पूर्व राज्य सभा सांसद तरुण विजय, जनजाति कल्याण विभाग के निदेशक एसएस टोलिया, समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी, उपनिदेशक योगेंद्र सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।