शिष्य ने लगाए गुरु पर कामी होने के आरोप
अग्नि अखाड़े के श्रीमहंत मुक्तानंद बापू के शिष्य शिवानंद ब्रह्मचारी ने अपने गुरु पर काम वासना में डूबे रहने के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। अपने द्वारा दिए गए शपथ पत्र में शिवांनद ब्रह्मचारी ने कहाकि दो वर्ष पूर्व वे मुक्तानंद बापू के आश्रम में आए थे। जहां बापू ने उन्हें आश्रम में रहने और शिवानंद ब्रह्मचारी नाम देकर अपना शिष्य बनाया। उन्होंने कहाकि तभी से में तापड़ा, गुजरात स्थित आश्रम में रह रहा था।
उन्होंने कहाकि इसी बीच आश्रम में चल रही तमाम अनैतिक गतिविधियों की मुझे जानकारी मिली। शपथ पत्र में शिवानंद ब्रह्मचारी ने कहाकि एक दिन मुक्तानंद बापू ने मुझे अपने निजी कक्ष में बुलाया और निजी सेवा देने के लिए मुझसे कहा। जिसे सुनकर वे अवाक रह गए। कहाकि निजी सेवा से मना करने पर मेरे से बैर भाव रखा जाने लगा। उन्होनें कहाकि मुक्तानंद बापू के चार सेवकों ने इसके बाद मुझे सलाह दी की जिस प्रकार से वे निजी सेवा देते हैं उसी प्रकार से वे भी निजी सेवा दें। जब बापू बुलाएं तभी सेवा में पहुंच जाए। शपथ पत्र में शिवानंद ब्रह्मचारी ने कहाकि एक संत होने के नाते मैने इस प्रकार की सेवा से इंकार कर दिया। मेरे मना करने के बाद मुझे आश्रम से जाने के लिए कहा गया। उन्होंने कहाकि मेरे जाने के बाद भी मुझ पर दवाब बनाया गया और मेरी जानकारी के अभाव में मुझसे माफीनामा लिखवा लिया गया। जिसका मुझे पता नहीं है।
शिवानंद ब्रह्मचारी ने कहाकि मुक्तानंद बापू की तमाम छोटी से छोटी कारगुजारियों की जानकारी मेरे पास है। इनके साथ जुड़े लोगों की लीलाओं को भी मैं जानता हूं। उन्होंने कहाकि मुक्तांनद बापू की काम लीला, आर्थिक लीला और धार्मिक लीलाओं के शिकार हुए लोगों की भी मेरे पास जानकारी है। उन्होंने कहाकि साधु होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं लोगों को इनके झांसे में न आने के लिए आगाह करूं। कहाकि पूर्व में भी मैंने इसके खिलाफ आवाज उठायी थी, किन्तु मेरी आवाज को दबा दिया गया। उन्होंने कहाकि इन तथ्यों की जांच के लिए प्रशासन यदि चाहे तो दोनों का नारको टैस्ट भी करवा सकता है। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि शिवानंद ब्रह्मचारी के पास कुछ वीडियो हैं जिनके आधार पर वे इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं। वहीं सूत्र बताते हैं कि पीड़ित शिवानंद के मामा की ओर से शिवानंद के खिलाफ एक तहरीर दी गयी है। जिसमें आरोपों को झूठ बताते हुए शिवानंद के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।