Haridwar

निगम की बैठक में बनी ऊषा ब्रेको की लीज बढ़ाने पर सहमति, अब कंपनी देगी निगम को सालाना तीन करोड़

हरिद्वार। मंशादेवी मंदिर पर रोपवे संचालित करने वाली कंपनी ऊषा ब्रेको को अब पहले से छह गुना अधिक वार्षिक राजस्व नगर निगम को अदा करना होगा। साथ ही प्रति टिकट तीन रुपये भी कंपनी निगम को देगी। बोर्ड व कंपनी प्रतिनिधि मंडल में इस पर सहमति बन गई है।
ऊषा ब्रेको का हरिद्वार नगर निगम से अनुबंध इस मई में समाप्त हो रहा था। इसके विस्तार के लिए शनिवार को कंपनी प्रबंधन के साथ हुई हरिद्वार नगर निगम की बोर्ड बैठक में कंपनी को आगे भी रोपवे संचालन की अनुमति दे दी गयी है। लेकिन अब कंपनी को इसके लिए प्रतिवर्ष तीन करोड़ रुपये निगम को अदा करने होंगे। यह राशि अभी तक 58 लाख रुपये सालाना थी। इसके साथ कंपनी अब निगम को प्रति टिकट तीन रुपये का लाभांश भी देगी। अभी तक टिकट बिक्री पर निगम को कोई राजस्व नहीं मिलता था। अनुमान है कि नये अनुबंध के बाद हरिद्वार नगर निगम को ऊषा ब्रेको से ही करीब पांच करोड़ रुपये सालाना की आय होगी।
हालांकि बोर्ड बैठक में इसको लेकर हंगामा भी हुआ। दो पार्षदों राधेकृष्ण शर्मा व श्रुति खेवड़िया ने कंपनी की लीज बढ़ाए जाने का विरोध किया। दोनों भाजपाई पार्षद हैं। पार्षद प्रतिनिधि कन्हैया खेवड़िया के बैठक में पहुंच जाने का भी दूसरे पार्षदों ने विरोध किया। जिसको लेकर सदन का माहौल गर्म हो गया। पूर्व पार्षद व हरकी पैड़ी पार्षद प्रतिनिधि कन्हैया खेवड़िया बैठक में कंपनी के लोगों को बुलाए जाने का विरोध कर रहे थे। जबकि राधेकृष्ण शर्मा का कहना था कि कंपनी पहले किये गये अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी है। इसलिए अब कंपनी की लीज अवधि नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। कंपनी के प्रतिनिधियों की ओर से बोर्ड में वार्षिक रेवेन्यू को 58 लाख रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ तथा प्रति टिकट दो रुपए देने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसका बोर्ड में विरोध हुआ। जिसके बाद बोर्ड ने इसे तीन करोड़ रुपये प्रतिवर्ष करने व प्रति टिकट तीन रुपये लाभांश पर सहमति दी है।
ऊषा ब्रेको की लीज का मामला हमेशा से हरिद्वार पालिका व अब निगम के लिए गर्म दूध की तरह रहा है। इस मसले पर बोर्ड में लंबे समय से राजनीति होती रही है। 1998 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार अरोड़ा द्वारा कंपनी को बिना पालिका की सहमति के किराया बढ़ाने का अधिकार दिये जाने के कारण उस बोर्ड को आज तक इस फैसले के लिए याद किया जाता है।
कंपनी की लीज अवधि पर बोर्ड ने सहमति जताई है। इस पर हमें अब पहले से कहीं अधिक राजस्व मिलेगा। कंपनी पर बकाया के विवाद को भी मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा।
मेयर अनिता शर्मा
हमनें बोर्ड के समक्ष अपना प्रस्ताव रखा है। जिसमें दो करोड़ एक लाख रुपये प्रतिवर्ष व प्रति टिकट दो रुपये दिये जाने का प्रस्ताव है। निगम की सहमति से आगे काम किया जाएगा।

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