भारतीय परम्पराओं को सहेज कर रखना सभी का दायित्वः किशन गिरी महाराज
देहरादून। भारतीय परम्पराओं को सहेज कर रखना हम सभी का दायित्व है, संकल्प, पूजा, पद्दति विभिन्न हो सकती हैं लेकिन गन्तव्य सभी का एक सा है। इस दायित्व का निर्वहन करना मात्र ब्राह्मणों का काम नहीं है बल्कि समाज के अन्य वर्गों की जिम्मेदारी भी बनती है।
उक्त उद्गार आज टपकेश्वर महादेव मंदिर, परिसर में आयोजित ब्राह्मण समाज महासंघ के द्वितीय स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में अध्यक्ष पद से बोलते हुए श्रीमहंत किशनगिरी महाराज ने व्यक्त करते हुए कहा कि आज युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है। ब्राह्मणों को इस दिशा में ज्यादा सक्रिय होने की जरूरत है। ब्राह्मणों की मिल बैठकर मंथन करना चाहिए।
भागवताचार्य पं. सुभाष चन्द्र जोशी ने कहा कि कर्म में आचरण की श्रेष्ठता प्रमुख होनी चाहिए। ब्राह्मण ने अपनी पहचान खो दी है, वह शिखा, सूत्र, तिलक, शस्त्र व शास्त्र से दूर हो गया है। अपने गणवेश छोड़ चुका है। वाणी का माधुर्य का त्याग कर चुका है । हमें अपनी पहचान को अपनाना ही होगा। आचार्य पवन कुमार शास्त्री ने कहा कि ब्राह्मण के आशीर्वाद से सभी वर्ग आगे बढ़ते हैं, ब्राह्मण सदैव दूसरों के लिए जीता है। एक मुस्लिम राजा एक ब्राह्मण को अपने साथ रख सकता है लेकिन एक ब्राह्मण राजा, नेता व अधिकारी एक ब्राह्मण को अपने साथ नहीं रख सकता। ये आज की विडम्बना है। एकजुटता व ताकत से राजनीति में दबाव बनाया जा सकता है। समारोह से पूर्व महासंघ के पदाधिकारियों व संयोजक मण्डल के सदस्यों द्वारा टपकेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया, ततपश्चात विश्व कल्याण, देश में शांति, एकता व सद्भाव हेतु हवन यज्ञ का सामूहिक आयोजन किया।
इस अवसर पर मुख्यरूप से राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा, सोमदत्त शर्मा, कर्मचारी नेता अरुण कुमार पांडेय, डॉ. वी.डी.शर्मा प्रवक्ता, मनमोहन शर्मा, राजकुमार शर्मा, हरिकृष्ण, शशि शर्मा, केशव पचौरी, गीता पांडे, बी.एम.शर्मा, लालचंद शर्मा संरक्षक, थानेश्वर उपाध्याय, एसके शर्मा, प्रमोद मेहता, पं राम प्रसाद गौतम, अतुल तिवाड़ी, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा आदि उपस्तिथ थे।