Uttarakhand

धामी सरकार का एक महीना पूरा, ये हैं उपलब्धियां

उत्तराखंड की धामी 2.0 सरकार ने शनिवार को अपना एक माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवधि में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में दिखे। उनका फोकस प्रशासनिक सुधार और सुशासन पर रहा। जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को लेकर उन्होंने सख्त संदेश भी दिया। साथ ही कई कड़े फैसलों से भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया। भ्रष्टाचारियों की सीधी शिकायत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 भी लॉन्च किया। वहीं, समान नागरिक संहिता को लागू करने और बाहरी नागरिकों के वैरिफिकेशन पर ठोस पहल की गई।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 नवम्बर 2021 को केदारनाथ धाम में आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। प्रधानमंत्री की इस सोच को सूत्र वाक्य मानकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सधे कदमों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। इस एक महीने के कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसी कई पहल कर चुके हैं जो आगे चलकर उत्तराखंड की तरक्की में मील का पत्थर साबित होंगी।
वहीं, लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट में ही अपने इरादे साफ कर दिए। समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए अपने वादे को पूरा करने की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाया। धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्ध जनों और अन्य स्टेकहाल्डर्स की एक कमेटी गठित की जाएगी जो कि उत्तराखंड राज्य के लिये यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। मुख्यमंत्री धामी जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये जरूरी है कि अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाएं। इसके लिये उन्होंने प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नागरिकों का सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अमल शुरू कर दिया गया है। वहीं, तीर्थाटन को बढ़ावा मिले इसके लिए चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई गई है।
उधर, कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखंड मंदिर माला मिशन की शुरूआत जल्द होने वाली है। मिशन मायापुरी के अंतर्गत हरिद्वार को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिये सबसे बड़े स्थलों के रूप में बदलने के लिये उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने जनहित से जुड़े कई कल्याणकारी फैसले भी लिए हैं। जिसमें उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत अब पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं वृद्धावस्था, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान तथा दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदत्त दर 1200 रुपये प्रतिमाह में 200 रुपये की वृद्धि की गई है। अब इनमें प्रतिमाह 1400 रुपये पेंशन प्राप्त होगी। बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी मुख्यमंत्री धामी लगातार ध्यान दे रहे हैं। उनकी मजबूत पहल पर केंद्र सरकार ने एनएच-72 के पांवटा साहिब-बल्लूपुर (देहरादून) खण्ड के उन्नयन और फोर लेन के निर्माण के लिये 1093.01 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना का खाका तैयार कर लिया गया है। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिये पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सर्फेस पार्किंग के साथ ही मल्टीस्टोरी पार्किंग, केविटी पार्किंग व टनल पार्किंग भी विकसित किये जाने की योजना है। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण धामी सरकार की प्राथमिकता में है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष गठित करने का निर्णय ले लिया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किये गये तीन सिलेंडर मुफ्त देने के वादे को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड राज्य में संचार नेटवर्क की अहमियत धामी सरकार को पता है। लिहाजा, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 जी, 5जी मोबाइल नेटवर्क एवं हाई स्पीड ब्राडबैंड व फाइबर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव बन चुका है। किसानों का सामाजिक स्तर उठाने और उनकी आय दोगुना करने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर सीएम किसान प्रोत्साहन निधि की शुरूआत की जा रही है। साथ ही धामी सरकार उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाना चाहती है। इसके लिए एक अखिल भारतीय बाजार बनाने को उत्तराखंड आर्गेनिक्स ब्रांड बनाया जा रहा है। उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकने और सुविधायें मुहैया करवाने की जोरदार पहल की है। इसके तहत हिम प्रहरी योजना के जरिए राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकटवर्ती जिलों में बसने के लिये सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दे रहे हजारों पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा कारवां टूरिज्म द्वारा पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए पॉलिसी बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय को 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया है। धामी जनता से सीधा संवाद बनाए हुए हैं। एक माह की अवधि में मुख्यमंत्री लगातार आमजन से मिलकर उनकी शिकायतों का निस्तारण कर रहे हैं।

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