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57 साल बाद बन रहा हनुमान जयंती पर पंचग्रही योग

सनातन धर्म में समस्त कष्टों से निवारण, गृह दशाओं से मुक्ति, भूत—प्रेत की बाधा समाप्त करने व आरोग्य प्राप्ति के लिए हनुमान उपासना का विधान है। हनुमान जयंती इस बार 12 अप्रैल शनिवार, 2025 को आ रही है। कल पूरे विश्व में हनुमान भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से हनुमान जयंती मनायेंगे। शनिवार को हनुमान जयंती का पर्व तो और भी अधिक उत्साहवर्धक है, चूंकि मंगलवार और शनिवार दो वार हनुमान जी के विशेष प्रिय माने जाते हैं। हनुमान जयंती पर कई अन्य शुभ संयोग भी राशि अनुसार बन रहे हैं।

वस्तुत: धर्म—अध्यात्म मार्ग अनुभूति का विषय है, इसे तर्क से सिद्ध नहीं किया जा सकता है। सनातन में मान्यता है कि ईश्वर को हम जिस रूप में पूजें, वे उसी स्वरूप में आकर हमारे मनोरथ पूर्ण करते हैं।

धर्म ग्रंथों में वर्णन आता है कि कलियुग के सबसे प्रभावशाली देवताओं में प्रथम स्थान पर हनुमान जी है। कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं। हजारों हनुमान भक्त यह दावा करते हैं कि उन्होंने अजर—अमर वीर हनुमान जी की कृपा को साक्षात महसूस किया है।

इस बार हनुमान जयंती 12 अप्रैल यानि शनिवार के दिन पड़ रही है जो अपने आप में एक खास योग बना रही है। शनिवार बजरंग बली का वार है, अतएव हनुमान जयंती पर कई अत्यंत शुभ संयोग बनने जा रहे हैं।

57 साल बाद पंचग्रही योग

हनुमान जयंती पर शनिवार 12 अप्रैल, 2025 को 57 साल बाद पंचग्रही योग बन रहा है। इस बार हस्त नक्षत्र में पंचग्रही योग मीन राशि में बन रहा है। पुरोहितों का कहना है कि हनुमान जयंती पर 5 ग्रह एक साथ मीन राशि में होंगे। इस दिन मीन राशि में बुध, शुक्र, शनि, राहु और सूर्य विराजमान रहेंगे और चंद्रमा एवं केतु कन्या राशि विराजमान होंगे। ऐसा संयोग 1968 में बना था।

इसके साथ ही मीन राशि में बुधादित्य, शक्रादित्य, लक्ष्मी नारायण और मालव्य राजयोग का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती रवि, जय, हस्त और चित्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी। ऐसे में राशि के अनुसार यदि कुछ उपाय किए जायें तो भाग्योदय हो सकता है।

आपकी कौन सी राशि ! ऐसे होगा भाग्योदय

वृषभ और तुला

वृषभ और तुला राशि के जातक मंदिर जाकर सुंदरकांड का पाठ करें और बंदरों कुछ मीठा खिलायें। ऐसा करने से इनका शुक्र ग्रह बलवान हो जायेगा।

मेष और वृश्चिक

हनुमेष और वृश्चिक राशि के जातक हनुमान अष्टक का पाठ करें। हनुमान मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बांटकर आयें.इससे उनके स्वामी ग्रह मंगल मजबूत होंगे।

मिथुन और कन्या

इन दोनों राशियों के लोग हनुमान जयंती पर अरण्य कांड का पाठ करें और साथ ही बजरंग बली को घी दीपक जलाकर पान का बीड़ा लौंग लगाकर चढ़ाएं। इससे उनका बुध ग्रह मजबूत होगा।

कर्क राशि के जातकों के लिए उपाय

कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं इसलिए इस राशि के जातक हनुमान जी को एक चांदी की गदा चढ़ाएं और उसे अपने गले में धारण करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे उनका चंद्रमा की प्रबल होगा।

सिंह राशि वालों के लिए उपाय

सिंह राशि के जातक मंदिर में जाकर मीठे पकवानों का दान करें। वहीं बैठकर बालकांड का पाठ करें। ऐसा करने से उनके ग्रह के स्वामी सूर्य भी प्रसन्न हो जायेंगे।

धनु और मीन राशि

धनु और मीन राशि के जातकों के स्वामी बृहस्पति हैं उन्हें बल देने के लिए अयोध्या कांड का पाठ करें और हनुमान जी को पीले फूल, फल और पीली मिठाई का भोग लगायें।

मकर और कुंभ राशि

मकर और कुंभ राशि के जातक रामचरीतमानस का पाठ करें। एक लोटे में काली उड़द की दाल बजरंग बली को अर्पित करें और बाद में उसे जल प्रवाहित करें। ऐसा करने से शनि ग्रह की भी कृपा आप पर होगी।

यह भी जानिए —

हनुमान जन्मोत्सव यानी चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। अतएव हनुमान जन्मोत्सव का पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाना निश्चित हुआ है।

वर्ष में दो बार क्यों हनुमान जयंती !

हनुमान जयंती वर्ष में दो बार आती है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन हनुमान जी का अवतरण हुआ था। वहीं, दक्षिण भारत में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन भगवान हनुमान को देवी सीता ने अमर होने का वरदान दिया था।

इन मंत्रों का जरूर करें जाप —

हनुमान जयंति के दिन पूजा में रामचरितमानस और हनुमान चालीसा के अलावा इनमें से किसी भी मंत्र का यदि जाप करें तो निश्चित रूप से आपका मंगल होगा —

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

अस्वीकरण: उक्त आलेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हैं। Frontpagenewz मीडिया इस विषय में अपना कोई भी दावा नहीं कर रहा है। कोई भी उपाय करने से पूर्व विवेक से कार्य लें।

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