Uttarakhand

शमशान घाट में किन्नर समाज ने खेली मसाने की होली

खड़खड़ी श्मशान घाट पर चिताओं की भस्म अपने तन पर रमाई

धर्मनगरी में किन्नर अखाड़े ने खड़खड़ी श्मशान घाट पर चिताओं की राख से मसाने की होली खेली और पूजा अर्चना भी की। श्मशान में चिताओं के सामने किन्नरों को होली खेलता देख आसपास मौजूद लोग दंग रह गए। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी माता के साथ किन्नरों के दल ने शोभायात्रा निकालकर खड़खड़ी श्मशान घाट पर पूजा की। इसके बाद चिताओं की राख एक दूसरे को लगाकर होली मनाई। भवानी माता ने बताया कि यहां मसाने की होली की शुरुआत एक साल पहले की गई थी। आम लोग घरों में होली खेलते हैं। लेकिन किन्नर समाज जो मसान पूजते हैं। वो शमशान घाट पर मे ही चिता के आगे होली खेलते हैं।क्योंकि श्मशान इंसान का असली घर होता है और यहां सबको एक दिन आना ही होता है।

आज उनके लिए अच्छा दिन है क्योंकि उन्होंने अपने समाज के साथ मसाने की होली खेली है। यह परंपराएं समय के साथ लुप्त हो गई थी। जब से सनातन धर्म है। तब से यह परंपराएं चलती आ रही है। आज किन्नर समाज को पूरे विश्व में सम्मान दिया है और हर कोई सम्मान की दृष्टि से किन्नरों को देखा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाएं और लोगों को अपनी परंपराओं की जानकारी दें।

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