Haridwar

बलवीर पुरी ऊर्फ बलवीर गिरि को मिल सकती है बाघम्बरी की कमान

हरिद्वार। बाघम्बरी गद्दी के श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर अखाड़ा असमंजय में है। उत्तराधिकारी को लेकर संतों में मंथन का दौर जारी है। हालांकि नरेन्द्र गिरि ने अपनी वसीयत व कथित सुसाइट नोट में बलवीर गिरि को बाघम्बरी गद्दी का उत्तराधिकारी बनाए जाने का जिक्र किया है। हालांकि इसका निर्णय नर्रेन्द्र गिरि के धूल रोट के दिन होना था, किन्तु कानूनी पचड़े के कारण ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक निर्णय को टाल दिया गया। हालांकि अखाड़ा इस बात को कह चुका था कि षोडशी भण्डारे पर किसी की चादर विधि नहीं होगी, किन्तु अब षोडशी पर बलवीर गिरि को चादर विधि कर बाघम्बरी की कमान सौंप दी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक इससे पूर्व पुरी से फर्जी गिरि बनकर बाघम्बरी गद्दी पर बैठने वालों को दूर रखने की चर्चा थी। सूत्रों के मुताबिक इसी के चलते गिरि नामा की दस चार मढ़ी से दिनेश गिरि की ताजपोशी की चर्चा भी चल रही थी। किन्तु एक ही दिन में घटनाक्रम बदला और वसीयत के मुताबिक बलवीर गिरि ऊर्फ बलवीर पुरी को ही गद्दी की कमान सौंपने का फिलहाल निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक इसके साथ ही बलवीर के साथ पांच सरंक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे जिससे गद्दी का संचालन सही प्रकार से हो सके और भविष्य में सम्पत्ति को लेकर फिर से काई विवाद उत्पन्न न हो। सूत्रांें के मुताबिकं इसके साथ ही गद्दी की कमान संभालने वाले से पंच यह लिखित रूप मंे ंआश्वासन लेंगे की गद्दी की सम्पत्ति को किसी भी प्रकार से बेचा नहीं जाएगा। समय-समय पर पंच व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। गद्दी की कमान सौंपने के संबंध में अंतिम निर्णय हरिद्वार स्ािित निरंजनी अखाड़े में पचों की राय से लिया जाएगा।

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