Haridwar

पतंजलि योगपीठ में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण जी का जन्मदिवस

हरिद्वार, 04 अगस्त। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी का जन्मदिवस पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-2 के योगभवन सभागार में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। जड़ी-बूटी दिवस के अवसर पर स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी ने उपस्थित जनसमूह को स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र व स्वस्थ विश्व के लिए वृक्षारोपण हेतु संकल्पित कराया। स्वामी जी व आचार्य जी ने वृक्षारोपण तथा आचार्य जी ने स्वयं रक्तदान कर जनसामान्य को रक्तदान के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में स्वामी रामदेव जी महाराज ने आचार्य जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आचार्य जी का जीवन कर्ममय, पुरुषार्थमय व परमार्थमय है। पूर्वजों से प्राप्त अपने सनातन, सांस्कृतिक शाश्वत तत्वों को जीवन में आत्मसात कर जगत के कल्याण के लिए पूज्य आचार्यश्री ने 50 वर्षों से अधिक तप एवं पुरुषार्थ किया है जो हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि जन्मदिवस तो मात्र बहाना है, निरंतर राष्ट्रसेवा के कार्य करते हुए, पेड़-पौधे लगाना हमारा लक्ष्य है। हमारी दृष्टि में जन्मदिवस हमारे पूरे साल के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करने तथा भविष्य के लिए चिंतन-मनन करने का दिन है।
कार्यक्रम में स्वामी जी व आचार्य जी ने वर्ल्ड हर्बल इंसाइक्लोपीडिया का पोर्टल लाँच किया। आचार्य जी ने बताया कि इस पोर्टल में लगभग 7500 पादप वंश, लगभग 50 हजार से अधिक पादप प्रजातियाँ, 2000 से अधिक भाषाओं (संस्कृत भाषा के नामों सहित), 12 लाख स्थानीय नामों संस्कृत भाषा सहित, 2.5 लाख पर्यायवाची, 6.5 लाख यूनिक रेफरेंस कोड को एक साथ सूत्रबद्ध किया गया है। साथ ही पोर्टल में 10 से अधिक वनस्पति विज्ञान आधारित औषधीय प्रणाली, 964 उपचार पद्धति, 2000 से अधिक स्थानीय समुदायों तथा 2.5 लाख फॉल्क फॉर्मेशन की जानकारी को व्यवस्थित रूप से संकलित किया गया है।
आचार्य जी ने बताया कि आज ही पतंजलि विश्वविद्यालय में शल्य तंत्र आधारित तीन दिवसीय सम्मेलन ‘सुश्रुतकोण’ का उद्घाटन किया जा रहा है। उपस्थित जनसमूह एवं स्वास्थ्य साधकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आयुर्वेद की शल्य परम्परा को पतंजलि के माध्यम से नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत शल्य की पूरी प्रक्रिया को आमजन आधुनिक तकनीक के माध्यम से लाईव देख सकेंगे। इस अवसर पर शल्य तंत्र पर आधारित त्रिदिवसीय सम्मेलन की स्मारिका ‘सुश्रुतकोण’ का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में 887 यूनिट रक्तदान, 280 लोगों का निःशुल्क नेत्र परीक्षण व निःशुल्क चश्मों का वितरण, 412 लोगों की निःशुल्क दंत चिकित्सा व निःशुल्क डेंटल किट वितरण, व्यापक स्तर पर औषधीय पौधों का वितरण व वृक्षारोपण का कार्य किया गया। इस अवसर पर लाखों औषधीय पौधों यथा- नीम, तुलसी, एलोवेरा, लौंग तुलसी, आंवला आदि का निःशुल्क वितरण किया गया।
कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी प्रकल्पों तथा शिक्षण संस्थानों के संन्यासी, अधिकारी, कर्मयोगी, शिक्षकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button