नगर पंचायत कर्मचारी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में अध्यक्ष और ईओ का नाम
नगर पंचायत में टैक्स मोहसिन के पद पर कार्यरत हर्षवर्धन सिंह रावत (35) ने आत्महत्या कर ली है। अगस्त्यमुनि में कार्यरत हर्षवर्धन सिंह रावत के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें रावत ने नगर पंचायत अध्यक्ष और उनके पति के साथ-साथ अधिशासी अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, हर्षवर्धन सिंह रावत का शव शुक्रवार सुबह कूड़ा कॉम्प्रेसिव मशीन से लटका हुआ मिला। रावत का शव सबसे पहले एक सफाई कर्मचारी ने ही देखा था, जो कूड़ा कॉम्प्रेसिव मशीन के पास कुछ सामान लेने गया था। सफाई कर्मचारी ने तत्काल मामले की सूचना पुलिस और मृतक के परिजनों को दी। मामले की जानकारी मिलते ही अगस्त्यमुनि थाना प्रभारी राजीव कुमार चौहान मयफोर्स मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली।
इसके बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को मृतक के पास से चार पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में रावत ने विस्तार से आत्महत्या का कारण लिखा है और उसके लिए कौन जिम्मेदार है, उनका भी नाम लिखा है। सुसाइड नोट में रावत ने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में किसी बड़ी साजिश का भी जिक्र किया है। साथ ही उसने नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल, अध्यक्ष पति रमेश बैंजवाल और अधिशासी अधिकारी बीरेंद्र पंवार पर भी गंभीर आरोप लगाया है। सुसाइड नोट ने रावत ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक खत्री को वे उसे न्याय दिलाए। रावत ने अशोक खत्री को अपनी हितैषी बताते हुए उसके बच्चों की देखभाल करने को कहा है। रावत के परिवार में उसके माता-पिता, पांच बहनें और एक छह साल की बेटी है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि रावत सुबह सबको घर में सोता हुआ छोड़कर आफिस के लिए निकल गया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, सुसाइड नोट में लिखे आरोपों पर नगर पंचायत अध्यक्ष के पति रमेश बैंजवाल का कहना है कि उनके हर्षवर्धन से पारिवारिक सम्बन्ध थे। सुसाइड नोट में नाम आने से वे खुद चकित हैं। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।